Friday, October 30, 2020

दाल में बहुत कुछ काला है... (व्यंग्य)

दाल में बहुत कुछ काला है...  (व्यंग्य) 
Just for fun
कुछ दावे और उनकी सच्चाइयाँ

1
दावा :व‍ह कहता था कि व‍ह हमेशा दूसरों के बारे में सोचता है...
सच्चाई :पर उसने य़ह कभी नहीं बताया कि व‍ह हरदम उनके  बारे में बुरा सोचता है।

2
दावा :व‍ह कहता है कि व‍ह खुद की  परवाह नहीं करता। 

सच्चाई :दरअसल व‍ह आलसी है। जो अपनी परवाह नहीं कर सकता, व‍ह दूसरों की क्या करेगा?? 

3
व‍ह कहता है - कि मैं तुम्हारे लिए ईश्वर से प्रार्थना करूँगा। 
 
सच्चाई :सब कहने की बातें हैं... वो तो बस बहती गंगा में हाथ धोने के इरादे से मित्रों के साथ थोड़ी सहानुभूति जताने के लिए उसके पास गया था।

4
व‍ह कहता था तुम ही तो मेरे सच्चे मित्र हो... 
सच्चाई :दरअसल  व‍ह उससे अपना गृहकार्य पूरा करने के लिए उसे थोड़ा चढ़ा देता था। 

5
व‍ह कहता है कि व‍ह बहुत दयालु है.. भूखे गरीबों की सेवा करके उसे आनंद की अनुभूति होती है। 

सच्चाई : दरअसल फेसबुक पर बहुत दिनों से उसे  लाइक और कमेन्ट आने बंद हो गए थे तो गरीब की सेवा करते हुए वीडियो बनाना जरूरी  हो गया था। 

6
व‍ह सोशल मीडिया पर हर किसी की पोस्ट को व‍ह लाइक करता है। 

सच्चाई :उसे अपने पोस्ट पर भी तो लाइक और कमेन्ट चाहिए  इसलिए दूसरों की पोस्ट लाइक करना उसकी मजबूरी है। 

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