दाल में बहुत कुछ काला है... (व्यंग्य)
Just for fun
कुछ दावे और उनकी सच्चाइयाँ
1
दावा :वह कहता था कि वह हमेशा दूसरों के बारे में सोचता है...
सच्चाई :पर उसने य़ह कभी नहीं बताया कि वह हरदम उनके बारे में बुरा सोचता है।
2
दावा :वह कहता है कि वह खुद की परवाह नहीं करता।
सच्चाई :दरअसल वह आलसी है। जो अपनी परवाह नहीं कर सकता, वह दूसरों की क्या करेगा??
3
वह कहता है - कि मैं तुम्हारे लिए ईश्वर से प्रार्थना करूँगा।
सच्चाई :सब कहने की बातें हैं... वो तो बस बहती गंगा में हाथ धोने के इरादे से मित्रों के साथ थोड़ी सहानुभूति जताने के लिए उसके पास गया था।
4
वह कहता था तुम ही तो मेरे सच्चे मित्र हो...
सच्चाई :दरअसल वह उससे अपना गृहकार्य पूरा करने के लिए उसे थोड़ा चढ़ा देता था।
5
वह कहता है कि वह बहुत दयालु है.. भूखे गरीबों की सेवा करके उसे आनंद की अनुभूति होती है।
सच्चाई : दरअसल फेसबुक पर बहुत दिनों से उसे लाइक और कमेन्ट आने बंद हो गए थे तो गरीब की सेवा करते हुए वीडियो बनाना जरूरी हो गया था।
6
वह सोशल मीडिया पर हर किसी की पोस्ट को वह लाइक करता है।
सच्चाई :उसे अपने पोस्ट पर भी तो लाइक और कमेन्ट चाहिए इसलिए दूसरों की पोस्ट लाइक करना उसकी मजबूरी है।